उज्जैन । महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की निकासी के लिए बनाई गई टनल में लाखों के पीओपी का काम किया गया था। पीओपी का एक हिस्सा पिछले दिनों गिरा था। इसके बाद स्मार्ट सिटी ने इस पर निर्णय लेते हुए ठेकेदार से पूरी पीओपी निकलवाई है और यहां वाटर प्रुफिंग का काम करवाया जा रहा है।
महाकाल मंदिर में निर्माण की गई टनल में पानी के रिसाव की स्थिति सामने आई थी। रिसाव के कारण टनल में की गई पीओपी की पकड कमजोर हो गई और 22 जून को पी ओ पी का एक बडा हिस्सा पालकी हॉल से एम्बुलेंस गेट तक बनी टनल की छत से गिर गया था। हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ था। हादसे के समय श्रद्धालू दर्शन कर इसी टनल से निकल रहे थे। हादसे के बाद सामने आया था कि यहां पानी के रिसाव के चलते पीओपी की पकड कमजोर पड गई थी। इसके चलते यहां टनल में लगी पुरी पीओपी को निकाल दिया गया । उसके स्थान पर अभी पेंट किया गया है। मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल बताते हैं कि टनल का काम उज्जैन स्मार्ट सिटी ने करवाया है। पीओपी का काम भी उन्हीं के ठेकेदार ने किया है। महाकाल मंदिर विस्तारीकरण योजना के तहत स्मार्ट सिटी ने किया था। यह टनल आपातकाल में एम्बुलेंस के लिए बनाई थी, लेकिन भीड़ अधिक होने पर श्रद्धालुओं को इससे बाहर निकाला जा रहा था। स्मार्ट सिटी सीईओं संदीप शिवा के अनुसार यह काम अभी वेंडर से करवाया गया है। वेंडर को बोलकर छत के उपरी हिस्से एवं अंदर के रिसाव की स्थिति देखने के लिए पुरी पीओपी निकलवाई गई है। वाटर प्रुफिंग करवाई जाना है । ठेकेदार के अधिन ही अभी काम है करीब 15 लाख के लगभग की पीओपी का यह काम था इसमें अभी भूगतान नहीं किया गया है। काम ठेकेदार को ही पुरा करके देना है और रिसाव रहित काम करना होगा। रिसाव के कारण ही पीओपी की पकड कमजोर हुई और जहां रिसाव अधिक था वहां पीओपी का हिस्सा गिर गया।
